The Definitive Guide to Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana
डर हमारे अंदर मौजूद एक अवरोधक गुण (कारक) है जो हमें हमारे लक्ष्य तक पहुंचने या वह करने से रोकता हैं जो हम करना चाहते हैं। डर (भय) हमें मार्ग से भटकाने और बहाने बनाने के लिए मजबूर करता है। यह सीखना की डर को कैसे दूर करें, स्वयं को मानसिक रूप से स्वतंत्र करने का अहम कदम है
डर मानसिक कमजोरी का संकेत नहीं है, बल्कि आत्म-जागरूकता की आवश्यकता है। अपनी मानसिक शक्ति को बढ़ाने के लिए:
वो आदमी इन तरीको से पैसा कमाकर भले ही अपने आप को खुश दिखाने की कोशिश कर रहा हो, पर हकीक़त ये है की वो खुद को ही धोखा दे रहा होता है.
डर के भी अनेक रूप हैं किसी को अंधेरे से डर लगता है तो कोई मरने के डर से कांप उठता हैं किसी को बीमार पड़ने का डर है तो बहुत लोग भविष्य में कहीं उनके साथ कोई आपत्ति या दुर्घटना ना हो जाए यह सोचकर मन ही मन डर रहे होते हैं
अपने डर को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप देखें और जानें कि आपको सबसे ज्यादा डर किस सिचुएशन में लगता है। उदाहरण के लिए, यदि आप मकड़ियों से डरते हैं, तो बिना डरे लगातार उनकी तरफ देखें। अगली बार, आप इसे छूने की कोशिश कर सकते हैं और फिर आखिर में, इसे अपने हाथ में पकड़ सकते हैं। एक बार जब आप इन सभी स्टेज को पूरा कर लेंगे तो आपके लिए यह संभव है कि आप उन सभी चीजों से दूर हो जाएं जिनसे आप डरते हैं।
हम यहाँ आपको एक उदहारण देते हैं जिससे ज्यादातर लोग तो समझ ही जायेंगे की अपने डर को कैसे दूर भगाए.
यहाँ हमारे कहने का मतलब ये नहीं है की आप शेर के सामने जाकर खड़े हो here जाइए. हम ये कहना चाहते हैं की जिस तरह की परिस्थितयों से आपको डर लगता है, जहाँ जाने से आपको डर लगता है, जो काम करने से आपको डर लगता है, जिसके सामने जाने से आपको डर लगता है,वहां जाना शुरू कीजिये.
बच्चों को डर के बारे में खुलकर बात करने दें
डर के प्रकार – जानिए कौन-से डर आपको रोकते हैं
अंत में लिखिए – “अब मैं तुम्हें छोड़ रहा हूँ। तुम अब मेरे जीवन के राही नहीं हो।”
डर को हटाने के लिए आत्मविश्वास का होना अत्यंत जरूरी है। आत्मविश्वास बढ़ाने के कुछ असरदार तरीके:
ऐसे लोगों में नकारात्मक विचार ज्यादा आते हैं और उन्हें लगने लगता है की उनका साथ देने वाला कोई नहीं है.
एक बात समझ लीजिये की ज़िन्दगी भगवान् ने दी है तो सबका भविष्य भी उन्ही का तय किया हुआ है.
प्रेरणा या मोमेंटम को हल्का न होने दें। डर का सामना करने के लिए एक निश्चित मात्रा में प्रेरणा की आवश्यकता होती है। जब आपका सामना असफलता से होता है, तो आपके मन में हार मानने का ख्याल आ सकता है। असंभव लगने वाली परिस्थितियों में भी अपने संकल्प को बनाए रखें।